की वो कुछ इस कदर याद आने लगे बन के यादें वो दिल को जलाने लगे, हम ने सोचा मोहब्बत है बिकती नहीं किंतु दौलत दिखी तो वो जाने लगे। सचिन वाशिष्टी #sachin #vashishtha muktak