#OpenPoetry तेरे ना होने का, अब कोई मलाल नही, किसने कहा कि ,मैं तेरे बगैर खुशहाल नही, अब जीता हूँ बेफिक्र सा मैं भी, क्योंकि क्या है पसंद और नापसंद तेरी, अब मन में कोई सवाल नही। तेरे ना होने का, अब कोई मलाल नही , किसने कहा कि, मैं तेरे बगैर खुशहाल नही, अब बेपरवाह परिंदों सा उड़ता हूँ ,मैं भी खुले आसमान में क्योंकि जो तुझको हो पसंद , कैसे ढल जाऊ तेरी उस हाल में? अब मन में ऐसा कोई सवाल नही, किसी बेवफा की चाहत में तड़पू , अब वैसा बुरा हाल नही, मालूम था हमें, मतलबी हैं जमाना, मगर फिर भी तुमको अपना माना अब जिसका मुझे तो, खामियाजा था चुकाना, इसलिए अब मुझे भी तुझसे प्यार नही अब मेरा इश्क में , होता बुरा हाल नही, तेरे ना होने का, अब कोई मलाल नही। मैंने तो जान लुटाई थी तुझपर, फिर क्यों की बेवफाई? अब मन में ये सवाल नही क्योंकि मेरे जेहन में तेरा,अब कोई ख्याल नही, तेरे ना होने का, अब कोई मलाल नही।। #OpenPoetry