बाबुल मैं तेरे आंगन की चिरैया, मुझे एक दिन तो कहीं उड़ जाना है। तुझ सा प्यार नहीं देगा कोई बाबुल, पर आंगन किसी और का भी सजाना है।। ©Sneh Prem Chand बाबुल