आँखों से ओझल हो गया, टूटा हुआ कोई तारा था तुम से जुदा हो गया, मैं भी एक अफसाना था। अब यही सिमट गया, जो कभी एक तराना था। -शीतल शेखर #तारा पंडित नरेन्द्र द्विवेदी prajjval awadhiya miss pahadan