तुम क्यों किनारा करती हो.... जान कर भी अंजान बनती हो.... तुम्हें बताने में कोई झिझक है अगर.... फिर बताने के लिए कोई इशारा तो कर ✍️Manoj s. Kanyal AGAR TUMARE DIL MAI BHI KUCH HAI..