चाहे यार हज़ार मिलेंगे तुम जैसे कहा बार बार मिलेंगे भीड़ को कहाँ से याद रखेंगे हम मेरे यार मेरे मन मे तब भी तुम्हारे कई किस्से तैयार मिलेंगे। -दीपक मिश्रा #Afsana