यूं तो कल्पनाओं का सैलाब अंदर है ।। पर सतह पर एक शांत लहर भर है ।। कुछ सिमटे अहसास दिखते उधर हैं ।। कुछ बिखरे जज़्बात दिखते इधर हैं ।। अलग अलग रंगों के भेष में एक किस्सा बसर है ।। जिसमें मौजूद एक कौंधती लहर तर है ।। एक वो जो सतह पर शांत लहर भर है ।। एक वो जो कौंधती लहर तर है ।। एक दूजे को आपस में उलझने का फितूर है ।। कैनवास पर पहले उतरने का दोनों को सुरूर है ।। एक दूजे संग ही होते मुकम्मल एक दूजे से ही बैर हैं ।। करते ये रंग इसी तरहां कल्पनाओं के समंदर में सैर हैं ।। @लेखकRai बिखरे रंग #nojoto #ocean #poetry #hindi #thought