#5LinePoetry जला अस्थियाँ बारी-बारी चिटकाई जिनमें चिंगारी जो चढ़ गए पुण्यबेदी पर लिये बिना गर्दन के मोल कलम आज उनकी जय बोल। ©Harishchndra #5LinePoetry