क्या है तू मनुष्य, मनुष्य है, ईश्वर नहीं पर ईश्वर की कृपा से मनुष्य दूर नहीं मानव, मानव है, दानव नहीं पर दानव के लक्षणों को रखो दूर कहीं साहित्य, संगीत और कला से विहीन मनुष्य बिना नख, पुच्छ और श्रृंग के पशु के समान है। yreeta-lakra-9mba