कोई ऐसा भी मजहब बनाओं यारों। इंसान को इंसान बनाओ यारों।। जीवन तुम्हारा इन्ही साँसो से चलता है। पेड़ो को बचाओं यारों ।। नस्लें बच सकती है,छोड़ दो रंजिशे। तुम किताबों में मन लगाओ यारों।। लौटूंगा मैं भी कभी तेरे दर पर। दिल में मेरा घर तो बनाओं यारों।। ©gio creation #giocreation #gio #dryleaf