सभी नेताओं के लिए आने वाले शिकारी मेरे गांव में जनता है चिंता की मारी मेरे गांव फिर वही चौराहे होंगे प्यासी आंख उठाए होंगे सपनों भीगी राते होगी मीठी मीठी बाते होगी मालाएं पहननी होगी फिर ताली बज्वानी होगी दिन को रात कहा जाएगा दो को साथ कहा जाएगा आने वाले है मदारी मेरे गांव में जनता है चिंता की मारी मेरे गावं में आने वाले है शिकारी मेरे गांव में शब्दों शब्दों आहे होगी लेकिन नकली बाहें होगी तुम कहते हो नेता होंगे लेकिन वो अभिनेता होंगे बाहर बाहर सज्जन होंगे भीतर भीतर वर्जन होंगे सब कुछ है फिर भी मांगेंगे झुकने की सीमा लांघेंगे आने वाले है भिखारी मेरे गांव में जनता है चिंता की मारी मेरे गावं में उनकी चिंता जग से न्यारी कुर्सी है दुनिया से प्यारी कुर्सी है तो फिर भी खामी बिन कुर्सी भी दुष्कामी कुर्सी रस्ता कुर्सी मंजिल कुर्सी नदिया कुर्सी साहिल कुर्सी पर ईमान लुटाए सब कुछ अपना दाव लगाएं आने वाले है जुआरी मेरे गांव में जनता है चिंता की मारी मेरे गांव में जनता है चिंता की मारी मेरे गांव में। mere alfaj