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Dhun murli ki हैं गीत शब्द सब हारे मन पे छाई धुन

Dhun murli ki

हैं गीत शब्द सब हारे 
मन पे छाई धुन मुरली की।

इस मन को प्रीत हुआ है 
सुन धुन मुरली की

अब भी इस प्रेम को कैसे 
समझाऊ बिन धुन मुरली की

हा मुझको भी प्रेम हुआ है 
ऐ कान्हा सुन धुन तेरी मुरली की

वाह रे क्या था बचपन तेरा 
क्या थी तेरी मस्त जवानी
कभी यशोदा मैया की सखिया 
कभी गोपिया हुई दीवानी

हम भी इस दीवनेपन में झूम रहे 
सब सुन धुन मुरली की

कैसे कह दे तेरा समय बीत गया 
बदल रहा यहाँ काल भी पल पल 
सुन तेरी धुन मुरली की।

अब के सारे कान्हा दीवाने 
गोपियां सारि दीवानी हैं
इनमे अब कोई रस ना बचा
सब बेढंगे मैन मानी हैं

महाभारत अब यहां रोज है होते 
ना कोई इनमे मूल कहानी है
ना कान्हा जैसा बचपन है
ना अभिमन्यु सी जवानी है #nojotokavita
Dhun murli ki

हैं गीत शब्द सब हारे 
मन पे छाई धुन मुरली की।

इस मन को प्रीत हुआ है 
सुन धुन मुरली की

अब भी इस प्रेम को कैसे 
समझाऊ बिन धुन मुरली की

हा मुझको भी प्रेम हुआ है 
ऐ कान्हा सुन धुन तेरी मुरली की

वाह रे क्या था बचपन तेरा 
क्या थी तेरी मस्त जवानी
कभी यशोदा मैया की सखिया 
कभी गोपिया हुई दीवानी

हम भी इस दीवनेपन में झूम रहे 
सब सुन धुन मुरली की

कैसे कह दे तेरा समय बीत गया 
बदल रहा यहाँ काल भी पल पल 
सुन तेरी धुन मुरली की।

अब के सारे कान्हा दीवाने 
गोपियां सारि दीवानी हैं
इनमे अब कोई रस ना बचा
सब बेढंगे मैन मानी हैं

महाभारत अब यहां रोज है होते 
ना कोई इनमे मूल कहानी है
ना कान्हा जैसा बचपन है
ना अभिमन्यु सी जवानी है #nojotokavita
vijay4525739436762

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