2020 सिखा के बहुत कुछ गया। आसक्ति न रहे तो डिसटैंसिंग जरुरी है। अंतिम संस्कार के लिए चार कंधे पुत्र द्वारा अग्निदाह जरुरी नहीं है विवाह में पचास लोग काफी हैं। सरल व साधारण जीवन ही बेहतर है। हमारी मूलभूत जरूरतें बहुत कम हैं हमने व्यर्थ ही विलासिता बढ़ा रखी है। जितनी भयंकर व गंभीर चुनौती होती है उतनी ही तीव्रता से समाधान आते हैं। प्रकृति का सम्मान करें नहीं तो वह स्वयं संतुलन बना लेगी और मनुष्य का संतुलन बिगाड़ देगी। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ जो भी था, जैसा भी था... #जैसाभीथा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi