समानता बंधुत्व सब मुझमें ही है समाई, धर्मनिरपेक्षता आपस मे सब भाई भाई, सम्प्रभुता व गणतंत्र का सख़्त आधार हूं, कानून की सभी विधियों का मैं ही सार हूँ, कोई औऱ नही लचीला व कठोर संविधान हूँ, देश विदेश जाना जाता मैं ही तेरी पहचान हूँ, बात पते की बताता मैं लोकतंत्र की शान हूँ, समाई हैं जिसमें एकता अखंडता व न्याय, गणतंत्र का सजग प्रहरी में ही सहाय हूँ, कोई औऱ नही तेरी शान में संविधान हूँ। #संविधानदिवस #भारत #india #constitution