तू यकीन कर (अनुशीर्षक में पढ़ें) तू यक़ीन कर ख़ुद को ना जकड़ तू, दुनिया के रीति रिवाजों के बंधनों से रह सकता है तू भी आज़ाद, दिल ना दुखा तू सबकी बातों से ये दुनिया आज तक नहीं हुई किसी की,