अभी तो बिगुल बजा है युद्ध का, हुंकार की असली मृदंग अभी बाकी है। जरा सब्र करो परिणाम दिखेगा, मेरे हौसलों का मेरी मुश्किलों से असली जंग अभी बाकी है। हारा हूं मै तुझसे यू तो कइयों दफा पर, तेरे गुरुर को कुचल देने की एक उमंग अभी बाकी है। अभी तो बिगुल बजा है युद्ध का, हुंकार की असली मृदंग अभी बाकी है। ये छोटे मोटे करतब तो काफी हुए, पर दिखाने कई बड़े कमाल अभी बाकी है। सफलता मिली है पर उस लायक नही, बनानी कामयाबी की एक मिशाल अभी बाकी है। शांत मन से लिया है मैने फैसला अभी तक, क्यों की मिटना मेरे माथे का लाल रंग अभी बाकी है। अभी तो बिगुल बजा है युद्ध का, हुंकार की असली मृदंग अभी बाकी है। -: चौधरी अमित वर्मा ©चौधरी अमित वर्मा #कविता #वीररस #Motivation #apjabdulkalam