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हाय, मेरी पत्नी बनती कितनी कैसी भोली भाली है। ल

हाय, मेरी पत्नी  बनती कितनी  कैसी भोली भाली है। 
लूटने  वाली  कोई  और  नहीं ,अपनी ही घरवाली है।

आदमी को देखो कैसा भाग रहा लिखते है अरूणाई में
पॉकेट को खाली करती सदा से पत्नी अपनी आली है।
रातों दिन मारा मारा फिरता जीवन का रस  सूख गया।
रोज  कमाया  पैसा  मेरा  छीना  पत्नी चंडी  काली है।
हाय, मेरी पत्नी  बनती कितनी  कैसी  भोली भाली है। 
लूटने वाली  कोई  और  नहीं ,अपनी  ही  घरवाली है। 

जीवन में शादी  करना भारी  मेरी भूल  सुनो भाई जी।
मेरा  जीवन  मुश्किल में  पड़ता पत्नी महंगी पा ली है।
ब्यूटी पार्लर, क्रीम पाउडर आई लाइनर कितने  नखरे।
साड़ी  गहने  कपड़े  हर महीने  में  पैसा अब खाली है।
हाय, मेरी पत्नी  बनती कितनी  कैसी  भोली भाली है। 
लूटने वाली  कोई  और  नहीं ,अपनी  ही  घरवाली है। 

किटी पार्टी नाइट पार्टी पत्नी कितना फिर ढोंग रचाती।
थोड़ा सा पैसा कम होता सुनता अक्सर देती  गाली है।
किस मोह जाल में उलझाया मुझे बचा लो कोई साथी।
गिर गया बेशर्म पैसा भीख मांग रहा  छुपाता जाली है।
हाय, मेरी पत्नी  बनती कितनी  कैसी  भोली भाली है। 
लूटने वाली  कोई  और  नहीं , अपनी  ही  घरवाली है। 

  के एल महोबिया ✍️

©K L MAHOBIA #कविता हास्य व्यंग्य के एल महोबिया
हाय, मेरी पत्नी  बनती कितनी  कैसी भोली भाली है। 
लूटने  वाली  कोई  और  नहीं ,अपनी ही घरवाली है।

आदमी को देखो कैसा भाग रहा लिखते है अरूणाई में
पॉकेट को खाली करती सदा से पत्नी अपनी आली है।
रातों दिन मारा मारा फिरता जीवन का रस  सूख गया।
रोज  कमाया  पैसा  मेरा  छीना  पत्नी चंडी  काली है।
हाय, मेरी पत्नी  बनती कितनी  कैसी  भोली भाली है। 
लूटने वाली  कोई  और  नहीं ,अपनी  ही  घरवाली है। 

जीवन में शादी  करना भारी  मेरी भूल  सुनो भाई जी।
मेरा  जीवन  मुश्किल में  पड़ता पत्नी महंगी पा ली है।
ब्यूटी पार्लर, क्रीम पाउडर आई लाइनर कितने  नखरे।
साड़ी  गहने  कपड़े  हर महीने  में  पैसा अब खाली है।
हाय, मेरी पत्नी  बनती कितनी  कैसी  भोली भाली है। 
लूटने वाली  कोई  और  नहीं ,अपनी  ही  घरवाली है। 

किटी पार्टी नाइट पार्टी पत्नी कितना फिर ढोंग रचाती।
थोड़ा सा पैसा कम होता सुनता अक्सर देती  गाली है।
किस मोह जाल में उलझाया मुझे बचा लो कोई साथी।
गिर गया बेशर्म पैसा भीख मांग रहा  छुपाता जाली है।
हाय, मेरी पत्नी  बनती कितनी  कैसी  भोली भाली है। 
लूटने वाली  कोई  और  नहीं , अपनी  ही  घरवाली है। 

  के एल महोबिया ✍️

©K L MAHOBIA #कविता हास्य व्यंग्य के एल महोबिया
klmahobia1677

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