क्या पता तलब इतनी बढ़ जाएगी। सिर आँखों पर तेरी अदा चढ़ जाएगी। छुप-छुप के ताकती रहती हो मुझको! डर लगता है कि आँख लड़ जाएगी। देख कर तुमको मायूसी उजड़ जाएगी! जड़ जो जमी है दर्द की उखड़ जाएगी। सुनो कभी तुम सामने तो आओ मेरे! झलक भर देख मेरी उम्र बढ़ जाएगी। ♥️ Challenge-865 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।