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#कैसी_जिंदगी_है_हमारे? ये कैसी जिंदगी है हमारी,

#कैसी_जिंदगी_है_हमारे?

ये कैसी जिंदगी है हमारी, 
ये कैसी है जिंदगी हमारी,
 जहां गरीब तरस-तरस कर जीते हैं, 
वही अमीर ऐयासियो में जीते हैं, 

 ये कैसी विविधता ईश्वर ने की है, हमारे साथ 
जहां निर्धन भूख के कारण मरते हैं,
वही धनवान खा-खा कर मरते हैं,
 ये कैसी जिंदगी है,हमारी 

हम गुजरते हैं जब मिठाई की दुकान से तो 
मन ललच  जाता है,मगर क्या करें, 
जेब में एक चवनी तक न नज़र आता है 
 यह कैसी जिंदगी है,हमारी 

शरीर में हजारों रोगों को लेकर 
अपने बच्चों के लिए काम में जाती है,एक माँ
पेट के भूख मिटाने के लिए
 ठंडी, गर्मी व बरसात की फिक्र किए बिना 
उसमें झूलसती रहती है, एक मां
 लेकिन इतने कष्टों के बावजूद
 ऊह तक ना करती है, एक मां 
ये कैसी जिंदगी है,हमारी 

 यदि धनवान के पास हाथ फैलाओं तो मिलती है,गालियां
 दर-दर भटकती है,पर फिर भी अपने बच्चों का पेट पालती है,एक माँ 
 ये कैसी जिंदगी है, हमारी 

किसी भी काम को करने के लिए
 हम एडियां रगड़ते रह जाते हैं ,
फिर भी कार्य  पूर्ण नहीं होता है ,

धनवान उसी कार्य को धन के बल पर चुटकियों में करवा लेते हैं,
 ये कैसी विविधता  है,

हमारी जिंदगी किस मोड़ पर खड्डी हैं ,
जहां से पीछे देखो तो मृत्यु और आगे देखो तो संघर्ष
संघर्ष बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती,
 संघर्ष जीवन का मूल आधार है,
जिसने संघर्ष जी जान से किया 
वो अंबर की बुलंदियों को छू लिया, 
जो संघर्ष करने से कतराया वह धरती की गहराओ में गिरा
 जो कभी उठ ही ना सका 
ये ऐसी ही जिंदगी है, हमारी।

©Sony Chauhan लिखा था मैंने इसे 3 साल पहले  उस समय मुझे ढंग से लिखना भी  नहीं आता यूँही साफ सफाई करते समय मिल गया देखी मैंने इसकी तारीख ठीक दीपावली का दिन था बस इसलिए आपके साथ साझा  कर दी।
#happy_diwali2020

#diwali2020
#कैसी_जिंदगी_है_हमारे?

ये कैसी जिंदगी है हमारी, 
ये कैसी है जिंदगी हमारी,
 जहां गरीब तरस-तरस कर जीते हैं, 
वही अमीर ऐयासियो में जीते हैं, 

 ये कैसी विविधता ईश्वर ने की है, हमारे साथ 
जहां निर्धन भूख के कारण मरते हैं,
वही धनवान खा-खा कर मरते हैं,
 ये कैसी जिंदगी है,हमारी 

हम गुजरते हैं जब मिठाई की दुकान से तो 
मन ललच  जाता है,मगर क्या करें, 
जेब में एक चवनी तक न नज़र आता है 
 यह कैसी जिंदगी है,हमारी 

शरीर में हजारों रोगों को लेकर 
अपने बच्चों के लिए काम में जाती है,एक माँ
पेट के भूख मिटाने के लिए
 ठंडी, गर्मी व बरसात की फिक्र किए बिना 
उसमें झूलसती रहती है, एक मां
 लेकिन इतने कष्टों के बावजूद
 ऊह तक ना करती है, एक मां 
ये कैसी जिंदगी है,हमारी 

 यदि धनवान के पास हाथ फैलाओं तो मिलती है,गालियां
 दर-दर भटकती है,पर फिर भी अपने बच्चों का पेट पालती है,एक माँ 
 ये कैसी जिंदगी है, हमारी 

किसी भी काम को करने के लिए
 हम एडियां रगड़ते रह जाते हैं ,
फिर भी कार्य  पूर्ण नहीं होता है ,

धनवान उसी कार्य को धन के बल पर चुटकियों में करवा लेते हैं,
 ये कैसी विविधता  है,

हमारी जिंदगी किस मोड़ पर खड्डी हैं ,
जहां से पीछे देखो तो मृत्यु और आगे देखो तो संघर्ष
संघर्ष बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती,
 संघर्ष जीवन का मूल आधार है,
जिसने संघर्ष जी जान से किया 
वो अंबर की बुलंदियों को छू लिया, 
जो संघर्ष करने से कतराया वह धरती की गहराओ में गिरा
 जो कभी उठ ही ना सका 
ये ऐसी ही जिंदगी है, हमारी।

©Sony Chauhan लिखा था मैंने इसे 3 साल पहले  उस समय मुझे ढंग से लिखना भी  नहीं आता यूँही साफ सफाई करते समय मिल गया देखी मैंने इसकी तारीख ठीक दीपावली का दिन था बस इसलिए आपके साथ साझा  कर दी।
#happy_diwali2020

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sonychauhan1163

Sony Chauhan

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