मैं लब हूँ वो शब्द है ये कहने में हमें कोई हर्ज़ नहीं! एक दूसरे के पूरक हम हम पर औरों का कोई क़र्ज़ नहीं! जब भी देखूँ जहाँ भी देखूँ उसको ही देखूँ और कोई गर्ज़ नहीं! दिल में उसका बसेरा साँझ हो या सवेरा कैसे कह दूँ धड़कनों में वो नाम दर्ज़ नहीं! पुर-ख़ुलूस मोहब्बत की ज़िंदा मिसाल दिलनशीं मेरा भूला कभी कोई फ़र्ज़ नहीं! मैं लब हूँ वो शब्द है ये कहने में हमें कोई हर्ज़ नहीं! एक दूसरे के पूरक हम हम पर औरों का कोई क़र्ज़ नहीं! जब भी देखूँ जहाँ भी देखूँ उसको ही देखूँ और कोई गर्ज़ नहीं!