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उजड़ी हुई बस्ती को तू आबाद ना कर बीते हुए लम्हों

उजड़ी हुई बस्ती को तू आबाद ना कर 
बीते हुए लम्हों को तू याद ना कर ,
एक कैद परिंदे का है तुमसे यही कहना 
मैं भूल चुका हूं उड़ना तू मुझे आजाद ना कर!

©अभी कुछ बाकी हैं #HeartBreak
उजड़ी हुई बस्ती को तू आबाद ना कर 
बीते हुए लम्हों को तू याद ना कर ,
एक कैद परिंदे का है तुमसे यही कहना 
मैं भूल चुका हूं उड़ना तू मुझे आजाद ना कर!

©अभी कुछ बाकी हैं #HeartBreak