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सहज नहीं प्रेम की पराकाष्ठा का गरल पीना; स्वीकार

सहज नहीं प्रेम की 
पराकाष्ठा  का गरल पीना;
स्वीकार मृत स्वयं को 
सांसारिक अभिनय में जीना 
आवेग दामिनी सा निरत जलाता है
शून्य में प्रकाश 
स्मृतियों का हो जाता है 
सहन करना पड़ेगा  
सावन में जेष्ठ महीना 
सहज नहीं प्रेम की पराकाष्ठा का गरल पीना...अर्चना'अनुपमक्रान्ति'

©Archana pandey पराकाष्ठा का गरल पीना

#baarish
सहज नहीं प्रेम की 
पराकाष्ठा  का गरल पीना;
स्वीकार मृत स्वयं को 
सांसारिक अभिनय में जीना 
आवेग दामिनी सा निरत जलाता है
शून्य में प्रकाश 
स्मृतियों का हो जाता है 
सहन करना पड़ेगा  
सावन में जेष्ठ महीना 
सहज नहीं प्रेम की पराकाष्ठा का गरल पीना...अर्चना'अनुपमक्रान्ति'

©Archana pandey पराकाष्ठा का गरल पीना

#baarish

पराकाष्ठा का गरल पीना #baarish #कविता