मैं नजर, निगाह, नियत सब साफ कर रहा हूं। जिनके बिगड़े हैं , मैं उन्हें माफ कर रहा हूं। वो बोला तू कर दे चाहे माफ मैं ऊपर बैठकर इंसाफ कर रहा हूं। ©SHIVAM tomar "सागर"