निगाहें मिलती है मंजिल जब टिकती है राहों पर निगाहें, प्रेम का भाव तो सब में होता है प्रकट करती है निगाहें, सच या झूठ पकड़ना है मुश्किल पर पहचान लेती है निगाहें, बेचैन आशिक़ के दिल का हाल बताती हैं निगाहें, करते हैं जब रब की इबादत तो झुक जाती हैं निगाहे। ©Priya Gour उफ़ ये निगाहें तेरी...👀 इनमें हमें सदा बसाये रखना....😍 #WForWriters #nojotowriters #NojotoWriter #15march 6:26 #shayri