खुद को तुम कंहाँ तक छुपाओगे हकीकत से रू ब रू होते जाओगे मन्ज़िलों को देकर धोखा ऐ दोस्त तुम अब राहों को दुश्मन बनाओगे FULL READ IN CAPTION 👇👇👇 * कहाँ तक छुपाओगे * खुद को तुम कंहाँ तक छुपाओगे हकीकत से रू ब रू होते जाओगे मन्ज़िलों को देकर धोखा ऐ दोस्त तुम अब राहों को दुश्मन बनाओगे