इंसान पर बोझ जिम्मेदारियों का रोज नित्य नई उलझनो से जूझता जा रहा कभी हाथ तंग अभी अपनों से जंग, भविष्य की चिंता में, वर्तमान में द्वंद भूत जो बीत गया, उसपे पछता रहा शिकवे शिकायतों के साथ, भागते जा रहा ख्वाबों की गली, लगती बड़ी भली सपनो में देखो फसते ही जा रहा इंसान पर बोझ जिम्मेदारियों का रोज नित्य नई उलझनो से जूझता जा रहा राजेश शर्मा 🖊️ ©Rajesh Sharma #SAD इंसान पर बोझ जिम्मेदारियों का रोज नित्य नई उलझनो से जूझता जा रहा राजेश शर्मा 🖊️