ऐ दर्द ज़रा आहिस्ता आहिस्ता चल कोई तुझे सुन न ले मेहबूब की गली से गुज़र रहा हूं कहीं उसे मेरा मर्ज़ होने का मलूम न हो जाये। #दर्द_भरा_दिल