यूं ही कोई बच्चा अपने बचपन के वो हसीन लम्हों को ऐसे ही नहीं खो जाता है, कुछ जिम्मेदारिया घर की वो अपने कंधे पर ऐसे ही नहीं ले जाता है। वो रोटी है साहब जो अपने और अपने परिवार के पेट के लिए निकल पड़ता है, जोखिम से भरा काम करने, फिर जाके उसे रोटी नसीब होती होगी, यूं ही कोई बच्चा अपने बचपन में जोखिम नहीं उठाता है।। Mr.Perfect #antichildlabourday #Child #Child😘😘 कवि आजाद मंडौरी भोले बाबा