कभी चिलचिलाती धूप सा गर्म, कभी कड़ाके की सर्दी हूं, कभी किसी खुदगर्ज की खुदगर्ज़ी, कभी अल्लाह की मर्ज़ी हूं, सच्चों को सच्चा दिखता हूं, फर्ज़ियों के लिए फर्जी हूं... हां मैं अल्लाह की मर्ज़ी हूं Abhishekism💕 @poeticatma #poeticatma #poetsofpoeticatma #poeticworld #Poeticvolumes #poeticnation