इश्क हंसाया रे,इश्क में जी को लगाया रे,अब जीना है बताया रे! खुशियां है कि आँखों से झलक जाए रे,मैं ने सपनें सजाया रे!! जी भर के जी लेना है,आज तो जी लूंगा मैं,काश तू सोंच लेगी जो! खुशियों के संग मिले जीवन के रंग,धङकन तेरी मुझको बुलाया रे!! अब देखना है मुझे ख्वाबों की रंगीनियां,मुझे तुमसे जुङ जाना है! कर दे वयां इश्क का जो आज है,मैं सो रहा था तू ने जगाया रे!! आफत सा होने लगा है आज तो,तुम्हारे बिना जिया जाए कैसे! रंग मेरे-रंग तेरे हो जाए एक रंग,मेरे लिए महफिल को सजाया रे!! आपसे मेरी मौजूदगी होने लगा है,जीना है मुझे खुशियों में खोकर! एक हो जाऊँ मैं तेरे सपनों में एक सा,दिल की आरजू रंग लगाया रे!! करीब-करीब लगने लगा है मंजिले,जीना है मुझे तुमसा ही होकर! बेचैन होकर ही हो गया हूं तेरा सा,इश्क में तुमने मुझको मनाया रे!! इश्क हंसाया रे,इश्क की बाजियां खेल लूं,जीत लूं तुम्हें जिन्दगी! आग सा इश्क है जलाने लगा है मुझे,इश्क की बातें तुमने सुनाया रे!! इश्क हंसाया रे