उलझन दिल उलझा है तेरे फैसले पर दिमाग उलझा तेरी यादों में, आंखें उलझीं हैं तेरे ख्वाब में नींद उलझी कहीं रातों में, मंजिल उलझी है उम्मीद में कदम उलझे हैं मेरे राहों में, जिसे उलझना तेरी जुल्फों में था वो शख्स उलझा है बुरे हालातों में, कुछ लिखूं भी तुझ पर तो कैसे मेरी कलम उलझ गई मेरे हाथों में।। ©Er Abhishek Sharma #uljhAn #Hindi #Yaad #Love #jail