तिरंगे से लिपटा सोया हूँ मैं मेरी माँ को प्यारा होगया हूँ मैं मेरी मौत ने भी दुश्मनों के साजिश में साथ दिया लेकिन मेरे जिस्म से बहते लहू ने भी उन्हें करारा जवाब दिया मैंने अपनो को छोड़ देश के लिए जिया क्योंकि इस मिट्टी में वो खुसबू है जिसने मुझे बेशूमार प्यार किया तपती गर्मी हो या कश्मीर की ठंडी मेरे देशवाशी सुरक्षित हो यही है मैंने ठानी पत्नी को मैंने कह रखा है सरहद उसकी इंतज़ार में है बेटे को तयार करना क्योंकि उसे इस पिता के संकल्प को है पूरा करना बहना से कहना आँको से आँसू बहने न दे रक्षाबंधन में राखी तिरंगे को बांध दे माँ से कहना मुस्कान सदा बरकरार रहे ताकी उसका शहीद बेटा हमेशा के लिए अमर रहे और हाँ " मेरी जोरू तुम इन सब का खयाल रखना " अब हर दीवाली तुम इन सब को खुशियो से रोशन रखना " वतन ए- मेरी माँ ने बुलाया है तिरंगे में मेरा एक नया घर जो बनाया है और तुम फिक्र मत करो मै हमेशा तुम्हारे साथ ही तो हूँ बस अपनी ये मुस्कान बनाये रखना पलको से आँसू बहने न देना क्योंकि तुम्हारे इन अश्को में मै जो बसा हूँ #चिट्ठी - एक शहीद जवान की #कविता #hunarhouse