धरती में ही। अपना ठिकाना है। दूर जाना है। फौलादी इरादे। पाएंगे मंजिल तो। कभी न कभी। कौन रोकेगा। रूकेंगे नहीं ये तो। अंगड़ाई है। कविः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता फौलादी इरादे हैं