लग जाता दामन पे दाग़ जो तेरे। कभी ना ऐसा कोई काम किया... बिगाड़ा ही क्या था मैंने तुम्हारा जो तुमने मुझे बदनाम किया. जो हवस का था पुजारी तेरा उसके हवस को प्यार का नाम दिया... जो वर्षों से था इंतज़ार में तेरे उस नाम को तुमने गुमनाम किया. Genius 2.0 (87) ©Mohd Asif (Genius) #asifgenius