Nojoto: Largest Storytelling Platform

प्ली बार्गेनिंग कानून :- * ' प्ली बार्गेनिग ' एक

प्ली बार्गेनिंग कानून :- 

* ' प्ली बार्गेनिग ' एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा आपराधिक मुकदमों का निपटारा किया जाता है।

* प्ली बार्गेनिंग के तहत वैसे मामलों की सुनवाई होती है, जिनमें अधिकतम सजा 7 साल कैद से कम हो।

* प्ली बार्गेनिंग की सबसे बड़ी खासियत यह है कि प्ली बार्गेनिंग में एक से दो तारीख में ही दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के बाद केस का निपटारा कर दिया जाता है।

* अगर दो महीने में समझौता नहीं होता है तो केस वापस संबंधित अदालत में भेज दिया जाता है। 

* प्ली बार्गेनिंग के तहत दोनों पक्षों में स्वैच्छिक समझौता होना जरूरी है। इसके तहत आरोपी और पीड़ित पक्ष के बीच मामले को निपटाने के लिए सहमत होना जरूरी है।

* इस प्रक्रिया के तहत आरोपी अपने अपराध को मर्जी से स्वीकार करता है। दोनों पक्षों के बीच होने वाला समझौता अदालत की देखरेख में होता है। समझौते के बाद मैजिस्ट्रेट के सामने आरोपी अपने गुनाह कबूल करता है। आरोपी की सजा उस केस की न्यूनतम सजा से आधी या उससे भी कम कर दी जाती है।

©Indian Kanoon In Hindi प्ली बार्गेनिंग कानून
प्ली बार्गेनिंग कानून :- 

* ' प्ली बार्गेनिग ' एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा आपराधिक मुकदमों का निपटारा किया जाता है।

* प्ली बार्गेनिंग के तहत वैसे मामलों की सुनवाई होती है, जिनमें अधिकतम सजा 7 साल कैद से कम हो।

* प्ली बार्गेनिंग की सबसे बड़ी खासियत यह है कि प्ली बार्गेनिंग में एक से दो तारीख में ही दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के बाद केस का निपटारा कर दिया जाता है।

* अगर दो महीने में समझौता नहीं होता है तो केस वापस संबंधित अदालत में भेज दिया जाता है। 

* प्ली बार्गेनिंग के तहत दोनों पक्षों में स्वैच्छिक समझौता होना जरूरी है। इसके तहत आरोपी और पीड़ित पक्ष के बीच मामले को निपटाने के लिए सहमत होना जरूरी है।

* इस प्रक्रिया के तहत आरोपी अपने अपराध को मर्जी से स्वीकार करता है। दोनों पक्षों के बीच होने वाला समझौता अदालत की देखरेख में होता है। समझौते के बाद मैजिस्ट्रेट के सामने आरोपी अपने गुनाह कबूल करता है। आरोपी की सजा उस केस की न्यूनतम सजा से आधी या उससे भी कम कर दी जाती है।

©Indian Kanoon In Hindi प्ली बार्गेनिंग कानून