Night lover होते है न वही हूँ मैं रात को यूँ विरानी से मुझे अकेले चलना पंसद हैं घर लौटते लोगो को बिन बात के टोकना पंसद है लम्हे लम्हे चाय के साथ राते गुजार देती हूँ कई ख्वाव बिन के ही सजा लेती हूँ मेरी जिदंगीमें अगर जि भर जी हूँ तो बरसो पुरानी राते नही तब किसी क साथ नही था मै थी, मेरी डायरी और धीमा धीमा बजता रेडियो वो दौर बड़ा हसीन हुआ करता था कब पन्ने दर पन्ने भरते चले गए और एक एक रात करके बरसो बीत गए एहसास ही नही हुआ राते तो आज भी उतनी खूबसूरत हैं, फिर मैं क्यो उनकी खूबसूरती को नंजरअदांज कर रही हूँ यूँ ही हम नए पन्ने लिख डालते है पुरानी डायरी को फाड़कर अजीब है ना अगला देखते देखते पिछला भूल जाते है एसा ही तो हुआ हैं दिन की थकान कब रातों को भुलाने लगी पता ही नही चला मेरी झोली कब इत्मीनान की जगह कामयाबी से भरने लगी कब रात का मजा दोपहर की चाय देने लगी पता ही न लगा #NojotoQuote