For Sanwari, 30th April, 2020 एक उधेड़-बुन सी है गर मैं वही हूँ? गर तू वही है? फिर क्यूँ? दूरियाँ बढ़ गईं हैं भूलना आसान है पर नहीं होता तू मुझमें घुल गई है तू कोई वादा होती तो भूल जाते तू तो याद बन गई है। ...गौतम #udhedbun #quote