माँ शारदे वीणा पाणी, तू मुझको स्वर और ज्ञान दे। तेरे चरणों शीश झुकाऊँ माँ ये मुझको तू वरदान दे। तुम हो सुरों की देवी मां ,मैं अधम अभागा हूँ माता । संसार का ज्ञान मैं पा जाऊं ऐसा मुझको वरदान दे। अमित पाण्डेय, डूंगरपुर बसंत पंचमी