मेरा दिल ऐसा ही रहेगा, जहाँ चलते-चलते ठहर जाओगे, याद की तड़प होगी ऐसी कि बिखर के भी सँवर जाओगे। संभालकर कहीं रखूँगी, तुमसे मिले दर्द का क़तरा-क़तरा, खोलकर देखोगे जब, अपने ज़ुल्मों से ही सिहर जाओगे। ♥️ Challenge-496 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।