पी जा हर अपमान और कोई चारा तो नहीं..!! ज़िंदगी स्वाभिमान से जिये तूने ऐसा सोचा तो नहीं.... !! तेरा असफल हो जाना पहले से तय था... तूने जिसे अपना समझा था.... उसने तुझे अपना माना तो नहीं... !! कहाँ पक्ष में तेरे समझने वाले का मत था.. जिसपे भरोसा करना चाहा था.... उसने तुझे हमराज माना तो नहीं.....!! काश दिल ने ये सोचा ना होता, तेरे ही अधरों पर कड़वा स्वाद नहीं.. सबके अहंकार टूटे, तु ही अपवाद नहीं... आवाज उठाने के समय खामोशी से सहते नहीं...।। आज शायद समझौते वाली हालात रहते तो नहीं...!! #samjhaota #zindgiquotes #Zindgani