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शायराना जगत का वो नाम, जो मेरे सबसे चहेते है, जहा

शायराना जगत का वो नाम, जो मेरे सबसे चहेते है, जहा कहीं भी मां पर शायरियां होती है तो इनका नाम आना लाजमी है। बड़े ही भावुक और सहजता से भरपूर, अक्सर शायरी कहते हुए इनकी आंखे, आसुओं से भर आती है। ये वो नाम है जिनका जिक्र होते ही, इनकी सबसे चर्चित शायरी जो मेरे भी जहन को छु जाती है कि....


"किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई"।




पेश है ऐसी ही कुछ बेहतरीन शायरियां
"मुनव्वर राना" साहब जी की......👇👇 मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू
मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना।


लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती।
शायराना जगत का वो नाम, जो मेरे सबसे चहेते है, जहा कहीं भी मां पर शायरियां होती है तो इनका नाम आना लाजमी है। बड़े ही भावुक और सहजता से भरपूर, अक्सर शायरी कहते हुए इनकी आंखे, आसुओं से भर आती है। ये वो नाम है जिनका जिक्र होते ही, इनकी सबसे चर्चित शायरी जो मेरे भी जहन को छु जाती है कि....


"किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई"।




पेश है ऐसी ही कुछ बेहतरीन शायरियां
"मुनव्वर राना" साहब जी की......👇👇 मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू
मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना।


लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती।
gumnaam3713

Gumnaam

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