जनहित की रामायण - 47 'अहिंसा' के पुजारी 'महात्मा गांधी' के देश में अपराध बढ़ रहे । क्यूँकि 'हत्यारे' के प्रसारित पूजन पे भी कड़ी कार्यवाही न कर रहे ।। शास्त्री जी ने हमें दिया 'जय जवान जय किसान' का नारा । जवान किसान दोनों को सही जीवनयापन न दे पाया तंत्र हमारा ।। दो दशक में अपराध कई गुना हुए, पुलिस संख्याबल नहीं बढ़ा । काम का बोझ बढ़ा, पर मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रक्खा ।। अंग्रेजों के 12 घंटे ड्यूटी के नियम को अग्रजों ने नहीं बदला । मानसिक तनाव कई गुना बढ़ने का थमता ही नहीं सिलसिला ।। हक के लिये कैसे लड़ें, कानून के बंद है सभी दरवाजे । अग्रजों के सपनो में भी बजते अपराध के गाजे बाजे ।। ऐसे में कौन है जो बनेगा इनकी आवाज ? जनजागृति सिवा सूझता नहीं पर्याय आज ।। जनता चुनावों से पहले सभी नेताओं को दिलाये शपथ । 8 घंटे की पुलिस ड्यूटी का पहले दिन ही बनायेंंगे नियम ।। यदि वे ऐसा न कर पाये तो, सत्ता छोड़ वापस आ जायेंगे । और वे पुलिस रिफॉर्म के लिये जन आन्दोलन चलायेंगे ।। अन्न्दाता किसान, सुरक्षा प्रदाता जवान, दोनों है वन्दनीय । अफसोस इनका जीवन दिन दिन बनाया जा रहा दयनीय ।। आज़ाद देश को शोभता नहीं हमारा इस तरह का आचरण । काम के बढ़ते बोझ तहत हर हाल देना होगा सही वातावरण ।। हे राम... - आवेश हिन्दुस्तानी 02.10.2021 ©Ashok Mangal #gandhijayanti #shastrijayanti #AaveshVaani #JanMannKiBaat #Gandhi