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मैं हताश था, निराशा था, सोचता मैं अकेला क्या कर स

मैं हताश था, निराशा था, सोचता मैं 
अकेला क्या कर सकता हूं !

तभी मैंने उगते सूरज को देखा 
एक अकेला सूरज पूरी दुनिया को 
रोशन करता है !!

एक चंद्रमा पृथ्वी को शीतल करता है!
एक अकेला इंजन ट्रेन को खींचता है!!

अब मेरी बारी बी पॉजिटिव,💐🌹
,


@sachinsharma सकारात्मक सोच
मैं हताश था, निराशा था, सोचता मैं 
अकेला क्या कर सकता हूं !

तभी मैंने उगते सूरज को देखा 
एक अकेला सूरज पूरी दुनिया को 
रोशन करता है !!

एक चंद्रमा पृथ्वी को शीतल करता है!
एक अकेला इंजन ट्रेन को खींचता है!!

अब मेरी बारी बी पॉजिटिव,💐🌹
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@sachinsharma सकारात्मक सोच

सकारात्मक सोच