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भली हूँ बुरी हूँ जैसी हूँ आइने सी सीरत रखती हूँ गर

भली हूँ बुरी हूँ जैसी हूँ
आइने सी सीरत रखती हूँ
गर भाऊँ तेरे मन को तो
तारीफ मेरी फिर मुँह पे करो
गर न भाऊँ तेरे मन को तो
जो कहना है मुँह पे कहो
तेरे मेरे से कहने से
कुछ न किसी को हासिल होगा
बदलाव जो मुझमे चाहो तुम
बेहतर है मेरे मुँह पे कहो #जो कहना है
भली हूँ बुरी हूँ जैसी हूँ
आइने सी सीरत रखती हूँ
गर भाऊँ तेरे मन को तो
तारीफ मेरी फिर मुँह पे करो
गर न भाऊँ तेरे मन को तो
जो कहना है मुँह पे कहो
तेरे मेरे से कहने से
कुछ न किसी को हासिल होगा
बदलाव जो मुझमे चाहो तुम
बेहतर है मेरे मुँह पे कहो #जो कहना है