मेरे जज़्बात होठों पर, आकर थम जाते हैं मैं कहना चाहता हूँ तुझसे बहुत कुछ मगर मेरी हिचक न जाने क्यूँ, रोक देती है मुझे मेरी चाहत को झूठा न समझना तू कभी मैं थोड़ा गंभीर मिज़ाज का आदमी हूँ जब कभी कहने पर आता है यह दिल बहक जाता हूँ, थोड़ा जिद्द भी कर लेता हूँ तुझे अपना समझता हूँ और कोई बात नहीं तूझे जाना है, बेहद करीब से मैनें अब तक तूने जाना है मुझे बड़ी नजदीक से 'यूँही' यह सिलसिला चलता रहे ऐसे ही हमेशा रिश्ता दिल का, गहराये और यादगार बने - yuhee कहते कहते रुक जाते हैं... #कहतेकहते #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi