अल्फ़ाज़ मेरे दिल के, काफी बार चाहा बोलना, काफी बार कोशिश की चुपचाप से रह जाता हूँ, और दबे रह जाते हैं,अल्फाज मेरे दिल के कैसे समझाऊं उसको कैसे मनाऊं उसको कैसे बतलाऊँ उसको,,,अल्फाज मेरे दिल के तड़पाते हैं बहुत मुझको बुलाते हैं हर बार उसको तन्हाई में साथ रहते हैं, अल्फाज मेरे दिल के क्या जरूरत है, क्यूँ बतलाऊँ उसको अगर है प्यार मेरा सच्चा तो जरूर समझेगा वो ,,,,,,अल्फाज मेरे दिल के,,,अल्फाज मेरे दिल के #alfaj_mere_dil_ke