दीदी जी ☺👩🦳 बाबा जी 😎🧓 बड़ी तकलीफ होती है जब एक दिन न लिख पाने पर आप एक ही बार में पूरा का पूरा नारंगी घेरा / वलय हटा देते हैं , जबकि इसे पूरा प्राप्त करने के लिए हमें सात दिन लग जाते हैं। देने में जिस तरह थोड़ा-थोड़ा करके देते हैं लेने में उसी तरह थोड़ा-थोड़ा करके हटाते तो तकलीफ कम होती और थोड़ी तसल्ली..... कहावत तो यह है कि 'देने वाला जब भी देता देता छप्पर फाड़ के' लेकिन यहाँ ऐसा नहीं होता है। मैं हतोत्साहित हो जाती हूँ। योरकोट परिवार के कई सदस्य भी मुझसे सहमत होंगे। बाबाजी यह छोटी सी सलाह है। दीदी जी आप भी सुनिए न yreeta-lakra-9mba