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जितना ही मधुर है उजियारा हो उतना भयावह अंधियारा है

जितना ही मधुर है उजियारा
हो उतना भयावह अंधियारा
है नाम उसी का दुनियां में
जो भला बुरा कुछ कर डारा।

ऐसी ही कथा अमावस की
ज्यों सुधा से पहले है विष की
जो पार करे बाधाओं को
पाए वो हो आशाओं को।

महिमा पूनम की धरी रही
दुनियां भी सहमी खड़ी रही
अस्तित्व गजब का पाने को
घनघोर अमावस डटी रही
परछाई पुतले से बड़ी रही।

गड़ना पूनम की है लय से
हां तो है अमावस भी भय से
देवों से नहीं दानव से सही
मंत्रों से नही तंत्रों से सही
अस्तित्व अमावस पाके रही।

लेकिन क्या इन काली रातों का
क्या मजा कटीली बातों का
जो रात में भी हो उजियारा
औचित्य है क्या फिर रातों का
रोष भी जो न कह पाए
क्या होगा खरी उन बातो का
आदर्श वही जो डट के रहे
श्रृंगार किए ना हट के रहे

©दीपेश #poem #nojotoprompt 
#Amawas
जितना ही मधुर है उजियारा
हो उतना भयावह अंधियारा
है नाम उसी का दुनियां में
जो भला बुरा कुछ कर डारा।

ऐसी ही कथा अमावस की
ज्यों सुधा से पहले है विष की
जो पार करे बाधाओं को
पाए वो हो आशाओं को।

महिमा पूनम की धरी रही
दुनियां भी सहमी खड़ी रही
अस्तित्व गजब का पाने को
घनघोर अमावस डटी रही
परछाई पुतले से बड़ी रही।

गड़ना पूनम की है लय से
हां तो है अमावस भी भय से
देवों से नहीं दानव से सही
मंत्रों से नही तंत्रों से सही
अस्तित्व अमावस पाके रही।

लेकिन क्या इन काली रातों का
क्या मजा कटीली बातों का
जो रात में भी हो उजियारा
औचित्य है क्या फिर रातों का
रोष भी जो न कह पाए
क्या होगा खरी उन बातो का
आदर्श वही जो डट के रहे
श्रृंगार किए ना हट के रहे

©दीपेश #poem #nojotoprompt 
#Amawas