#OpenPoetry सफ़र-ए-ज़िंदगी मे हिचकोले बहुत हैं तिरी चाहत मे सनम डोले बहुत हैं राज़ को राज़ रखने में ही उसने राज़ खोले बहुत हैं फंस जाता हूँ जाल मे अक्सर मासूम दिल के भोले बहुत हैं आता नही किसी की पकड़ में सियासत के चोले बहुत हैं कुछ यूँ समझ लो दर्द-ए-दिल इक ही गाँव मे टोले बहुत हैं मिले जब ख़ामोश थे "वरुण" नज़रो से मगर बोले बहुत हैं ©® वरुण " विमला " " ग़ज़ल - तिरी चाहत में सनम डोले बहुत हैं " #ग़ज़ल #gazal #nojoto #nojotogazal #nojotohindi #hindi #nojotoquotes #nojotoshayri #love Saurav Das