चंद खुशियां लाया हूँ, मैं संग अपने 'ग़म' भी लाया हूँ हँसी बना किसी की मैं, कहीं से 'तन्हा' लौट आया हूँ प्रीत का रंग साथ रखा,खुद ज़ख़्म 'हरा' कर आया हूँ इंसान हूँ, नादान बन, आज इंसानियत साथ लाया हूँ #restzone #rzलेखकसमूह #rztask239